सोने-चांदी में ऐसी ऐतिहासिक तेजी पहले कभी नहीं देखी गई। गोल्ड और सिल्वर ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए निवेशकों को एक साल में डेढ़ गुना से अधिक रिटर्न दिया है। दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले इनकी कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं। भारत में इन पर्वों पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है—ऐसी मान्यता है कि इस समय निवेश करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। अब सवाल यह है कि इस बेजोड़ तेजी का लाभ कैसे उठाया जाएI
दुनियाभर में सोने-चांदी में निवेश का रुझानइनफ्लेशन, करेंसी में उतार-चढ़ाव और वैश्विक जियोपॉलिटिकल तनाव को देखते हुए दुनियाभर के निवेशक गोल्ड और सिल्वर में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
भारत में त्योहारी सीजन—खासकर धनतेरस और दिवाली—के चलते इन कीमती धातुओं की मांग और चमक दोनों बढ़ गई हैं। जो लोग सोना नहीं खरीदते, वे विकल्प के तौर पर चांदी खरीदना पसंद करते हैं। इन पर्वों पर सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।
गोल्ड और सिल्वर के फंडामेंटल्स में अंतर
- सोना: सुरक्षित निवेश का सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है
- चांदी: औद्योगिक उपयोग के कारण इसकी मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में तेज़ी आती है
गोल्ड ज्वेलरी vs पेपर गोल्ड
अगर आप धनतेरस या दिवाली पर गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें:
- आपको GST और मेकिंग चार्ज भी देना होगा
- ज्वेलरी को सुरक्षित रखना भी एक चुनौती हो सकती है
पेपर गोल्ड के विकल्प:
- गोल्ड ETF
- गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम्स
- Sovereign Gold Bonds (SGBs)
पेपर गोल्ड में निवेश करने से आपको फिजिकल स्टोरेज की चिंता नहीं रहती और टैक्स चार्ज भी कम होता है।
चांदी की मांग बढ़ा रहे हैं सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
विशेषज्ञों के अनुसार, सिल्वर का उपयोग सोलर पैनल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के निर्माण में होता है—जो दोनों ही तेजी से बढ़ते हुए सेक्टर हैं। जैसे-जैसे दुनिया सोलर एनर्जी और ईवी की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे चांदी की मांग और कीमतों में भी इज़ाफा देखने को मिलेगा। वर्तमान में इंडस्ट्रियल डिमांड अधिक है जबकि सप्लाई सीमित है, जिससे कीमतों में तेज़ी बनी हुई है।
निवेश के विकल्प:
1.
सिल्वर बार या कॉइन खरीदें
2.
सिल्वर ETF में निवेश करें—कम जोखिम और आसान लिक्विडिटी के सा
3.
पोर्टफोलियो में गोल्ड-सिल्वर की संतुलित हिस्सेदारी
4.
गोल्ड और सिल्वर की मौजूदा तेजी ने निवेशकों की रुचि बढ़ा दी है।
हालांकि, सिर्फ तेजी देखकर निवेश करना समझदारी नहीं है।
इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि पोर्टफोलियो में गोल्ड और सिल्वर की हिस्सेदारी 10–15% तक ही रखें।
5.
अगर आप इस सीमा से अधिक बुलियन रखते हैं, तो आप इक्विटी जैसे हाई-रिटर्न एसेट्स में निवेश का मौका गंवा सकते हैं, जो लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
2025 में क्यों चमक रहा है गोल्ड और सिल्वर?
साल 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला है।
1.
चांदी ने अब तक 68% तक का रिटर्न दिया है
2.
सोना भी पीछे नहीं रहा, इसने 51% तक की बढ़त दर्ज की है
इस तेजी के पीछे कई कारण हैं:
1.
वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता
2.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
3.
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी
4.
औद्योगिक मांग में वृद्धि, खासकर चांदी के लिए
SIP के ज़रिए निवेश
हर महीने थोड़ी राशि निवेश करके आप औसत लागत पर लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
निवेश करते समय ध्यान देने योग्य बातें
1.
बाजार की चाल को समझें और जल्दबाज़ी में निर्णय न लें
2.
अपने निवेश लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल के अनुसार विकल्प चुनें
3.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें
4.
पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें
निष्कर्ष: सोने और चांदी की मौजूदा तेजी निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। सही रणनीति और समय पर निर्णय लेकर आप इस रैली से शानदार मुनाफ़ा कमा सकते हैं। याद रखें, समझदारी से किया गया निवेश ही असली संपत्ति बनाता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षणिक
उद्देश्य के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई निवेश संबंधी सलाह विशेषज्ञों
की राय पर आधारित है, लेकिन इसे व्यक्तिगत वित्तीय सलाह नहीं
माना जाना चाहिए। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। बाजार
जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए किसी भी निवेश निर्णय से
पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है।