Health Insurance: सीनियर सिटीज़न के लिए सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस पाने के 5 आसान तरीके

Vinay Thakur
By -
0

सीनियर सिटीज़न के लिए सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें? जानिए 5 आसान तरीके—तुलना करें, जल्दी बचत करें, स्वास्थ्य पर ध्यान दें, सही लाभ चुनें और पॉलिसी रिव्यू करें।

best health insurance plans India

Senior Citizen Health Insurance: आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में बीमारियां आम हो गई हैं। कई लोग भोजन से ज्यादा दवाओं पर निर्भर हो रहे हैं। ऐसे समय में हर किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी हो गया है। खासकर बुजुर्गों के लिए, क्योंकि उन्हें ज्यादा स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत होती है। लगातार बढ़ते इलाज के खर्च को देखते हुए बिना बीमा के अचानक आने वाला मेडिकल खर्च आर्थिक बोझ साबित हो सकता है।

बहुत से लोग अपनी डाइट से ज्यादा दवाओं पर निर्भर हो रहे हैं। ऐसे माहौल में हेल्थ इंश्योरेंस का होना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए, क्योंकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। बढ़ती मेडिकल लागत के कारण, बिना इंश्योरेंस के अचानक आने वाला इलाज का खर्च आपकी आर्थिक स्थिति पर भारी असर डाल सकता है.

अक्सर, कई सीनियर सिटीजन्स हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से हिचकिचाते हैं क्योंकि इसकी प्रीमियम राशि उन्हें अधिक लगती है। हालांकि, कुछ समझदारी भरे कदम उठाकर वे उचित कवरेज के साथ बीमा को बजट-फ्रेंडली बना सकते हैं।

जल्दी बीमा खरीदना है फायदेमंद
कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने से प्रीमियम कम रहता है। उदाहरण के लिए, 30 की उम्र में लिया गया बीमा 60 की उम्र में लिए गए बीमा के मुकाबले सस्ता पड़ता है। साथ ही, नो-क्लेम बोनस (हर साल 5% से 10%) का लाभ मिलता है। यदि तीन साल की पॉलिसी चुनते हैं, तो आपको 15% तक की अतिरिक्त छूट भी मिल सकती है।

प्लान्स की तुलना जरूर करें
बीमा खरीदने से पहले विभिन्न कंपनियों के प्लान्स की तुलना करना जरूरी है। आजकल ऑनलाइन टूल्स की मदद से ये तुलना बेहद आसान हो गई है। कई कंपनियां वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्पेशल हेल्थ प्लान्स ऑफर कर रही हैं। अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार सबसे किफायती और उपयुक्त पॉलिसी का चुनाव करें।

डिडक्टिबल और को-पे का लाभ कैसे उठाएं
डिडक्टिबल का अर्थ है कि बीमा कंपनी क्लेम राशि का भुगतान करने से पहले आपको एक निर्धारित राशि खुद चुकानी होगी। उदाहरण के तौर पर, यदि आपका डिडक्टिबल ₹5 लाख है और क्लेम राशि ₹8 लाख है, तो पहले आपको ₹5 लाख भुगतान करने होंगे, उसके बाद बची हुई ₹3 लाख बीमा कंपनी द्वारा कवर की जाएगी।
को-पे (Co-Pay) में आपको इलाज के खर्च का कुछ हिस्सा स्वयं देना होता है। जैसे यदि आपकी पॉलिसी में 20% को-पे है और अस्पताल का बिल ₹2 लाख है, तो आपको ₹40,000 अपने खर्च से देने होंगे और बाकी का भुगतान बीमा कंपनी करेगी। ये दोनों विकल्प प्रीमियम को कम करने में मददगार होते हैं।

सुपर टॉप-अप प्लान का फायदा उठाएं

अगर कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज चाहिए तो सुपर टॉप-अप प्लान लेना फायदेमंद होता है। यह खासकर तब काम आता है जब आपके इलाज का खर्च आपकी मौजूदा बीमा लिमिट से बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी मौजूदा बीमा सीमा ₹3 लाख है और मेडिकल बिल ₹7 लाख आता है, तो पहले ₹3 लाख बीमा कंपनी कवर करेगी और शेष ₹4 लाख सुपर टॉप-अप पॉलिसी के तहत सुरक्षित रहते हैं।

स्वस्थ रहें, प्रीमियम में छूट पाएं
बीमा कंपनियां स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाले लोगों को प्रीमियम में छूट देती हैं। यदि आप नियमित स्वास्थ्य जांच कराते हैं, रोजाना वॉक या कदम गिनती करते हैं और अपना वजन नियंत्रित रखते हैं, तो आपका प्रीमियम कम हो सकता है। इससे न केवल प्रीमियम बचता है, बल्कि बीमारियों का खतरा और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी घटती है।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है और इसे किसी भी प्रकार का वित्तीय या बीमा संबंधी सलाह नहीं माना जाना चाहिए। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले कृपया प्रमाणित बीमा सलाहकार या कंपनी से विस्तारपूर्वक परामर्श लें। लेख में दी गई जानकारी समय के साथ बदल सकती है, इसलिए नवीनतम और सही जानकारी के लिए संबंधित बीमा प्रदाता से संपर्क करना आवश्यक है। लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर होने वाले किसी भी नुकसान या दावे के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!