जब कोई यूज़र एक्सचेंज ऑफर के तहत नया स्मार्टफोन खरीदता है, तो उसका पुराना फोन कंपनी या उसके अधिकृत पार्टनर के पास चला जाता है। इसके बाद उस डिवाइस को सीधे रिसाइक्लिंग सेंटर या रीफर्बिशिंग यूनिट में भेजा जाता है।
🔍 सबसे पहले होती है तकनीकी जांच:
- फोन की फिजिकल स्थिति और टेक्निकल परफॉर्मेंस की जांच होती है।
- बैटरी, मदरबोर्ड और अन्य पार्ट्स की हालत देखी जाती है।
- यह तय किया जाता है कि फोन में कितनी रीसेल वैल्यू बची है।
🔧 अगर फोन ठीक हो तो क्या होता है?
- बैटरी, स्क्रीन, कैमरा जैसे पार्ट्स बदले जाते हैं।
- सॉफ्टवेयर को रीसेट किया जाता है।
- फोन को नया जैसा बना कर Refurbished Phone के रूप में दोबारा बेचा जाता है।
- ये फोन्स आमतौर पर 30% से 50% कम कीमत में उपलब्ध होते हैं।
- भारत में Amazon Renewed, Cashify, और ब्रांड्स के ऑफिशियल स्टोर पर ये बिक्री होती है।
🧩 अगर फोन डैमेज हो तो?
v कैमरा सेंसर, प्रोसेसर, चार्जिंग पोर्ट, बैटरी जैसे काम के पुर्जे निकाल लिए जाते हैं।
v ये पार्ट्स स्पेयर मार्केट में बेचे जाते हैं या दूसरे डिवाइसेज़ में लगाए जाते हैं।
v इससे कंपनियां लागत बचाती हैं और ई-वेस्ट को भी कम करती हैं।
🌍 ई-वेस्ट और पर्यावरण की चिंता:
हर साल करोड़ों पुराने फोन फेंके जाते हैं, जिनसे Electronic Waste बनता है। इनमें मौजूद लेड, मर्करी, कैडमियम जैसे रसायन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए Apple, Samsung, Xiaomi जैसी कंपनियां पुराने फोनों को रिसाइक्लिंग प्रोग्राम में शामिल करती हैं।
इन डिवाइसेज़ से सोना, तांबा, एल्युमिनियम जैसी कीमती धातुएं निकाली जाती हैं, जिन्हें नए डिवाइस बनाने में दोबारा इस्तेमाल किया जाता है।
💡 कंपनियों को होता है डबल फायदा:
Ø एक ओर वे पर्यावरण-हितैषी छवि बनाती हैं।
Ø दूसरी ओर रीफर्बिश्ड और रिसाइकल्ड पार्ट्स से लागत घटती है।
Ø एक्सचेंज ऑफर से ग्राहक नए फोन खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे बिक्री भी बढ़ती है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता
और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। स्मार्टफोन कंपनियों की रिसाइक्लिंग और
रीफर्बिशिंग प्रक्रिया समय, स्थान और ब्रांड के अनुसार बदल
सकती है। यहां प्रस्तुत विवरण सार्वजनिक स्रोतों और सामान्य उद्योग प्रथाओं पर
आधारित है। किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पहले संबंधित कंपनी की आधिकारिक नीति
या सेवा शर्तें अवश्य पढ़ें। लेखक या प्रकाशक किसी भी व्यावसायिक निर्णय या नुकसान
के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

