किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षणों को पहचानें—थकान, सूजन, यूरिन बदलाव और स्किन ड्राईनेस जैसे संकेतों को नजरअंदाज़ न करें।
किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो ब्लड को फिल्टर करने, toxins को बाहर निकालने और fluid balance बनाए रखने में
मदद करता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर subtle संकेत देने
लगता है—जिन्हें अक्सर हम नजरअंदाज़ कर देते हैं। इस लेख में हम जानेंगे किडनी
खराब होने के शुरुआती लक्षण, उनके पीछे की
वजहें, और कैसे समय रहते इन
संकेतों को पहचानकर हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है।
शरीर के अंदरूनी अंगों में आने वाली खराबी का
पता चलना कई बार मुश्किल हो जाता है। अक्सर हम बॉडी मे होने वाले छोटे बदलावों को
अनदेखा कर देते हैं या फिर उन्हें छोटी बीमारी या दिक्कत समझ लेते हैं। जबकि वो
किसी ना किसी कमी और अंगों की खराबी के लक्षण होती हैं। जैसे दिल और लिवर के खराब
होने पर शरीर संकेत देता है। उसी तरह से जब किडनी में खराबी आती है तो भी शरीर में
कुछ खास लक्षण दिखते हैं। जिन्हें अनदेखा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जानें कौन से
हैं किडनी खराब होने के लक्षण। (Kidney Failure Early Signs)
लगातार थकान और एनर्जी की कमी महसूस होना: नींद पूरी ना होने से थकान महसूस होती है और लो एनर्जी फील होती है। लेकिन कई बार किडनी में बनने वाले खास तरह के हार्मोन एरिथ्रोपोइटिन की कमी की वजह से कमजोरी महसूस होती है। दरअसल, ये हार्मोन रेड ब्लड सेल्स में कम बनता है तो ब्रेन और मसल्स को कम ऑक्सीजन सप्लाई होती है। जिसकी वजह से कमजोरी, थकान और एनीमिया की समस्या होती है। अगर सोने के बाद भी थकान महसूस होती है तो ये किडनी की खराबी का संकेत हो सकते हैं।
हाथ, पैर, एड़ी में सूजन: शरीर में नमक से लेकर पानी का सही अनुपात किडनी ही बैलेंस करती है। जब किडनी ठीक तरीके से सोडियम और वाटर का बैलेंस नहीं बना पाती है तो पैर, हाथ और एड़ी में सूजन होने लगती है।
यूरिन के पैटर्न में बदलाव: किडनी में खराबी होने पर अक्सर यूरिन बार-बार नहीं होती। खासतौर पर रात के वक्त। वहीं यूरिन का कलर गाढ़ा, झागदार या ब्लड जैसा दिखता है। तो ये किडनी डैमेज होने का संकेत है। झागदार यूरिन प्रोटीन लीकेज की ओर इशारा करता है। अगर यूरिन के वक्त दर्द या डिसकंफर्ट महसूस होता है तो इसे भी इग्नोर ना करें।
सोने में दिक्कत: किडनी खराब होने पर एक कंडीशन होती है यूरेमिया। जिसमे किडनी ठीक से फंक्शन न करने की वजह से वेस्ट मैटेरियल ब्लड मे चले जाते हैं। जिसकी वजह से नींद में समस्या आने लगती है।
स्किन ड्राईनेस और खुजली: किडनी का काम बॉडी में कैल्शियम और फास्फोरस जैसे न्यूट्रिएंट्स को बैलेंस करना है। अगर बॉडी में न्यूट्रिएंट्स का बैलेंस नहीं होता है तो मिनरल की कमी को बढ़ाता है। जिससे स्किन में खुजली, इरिटेशन, ड्राईनेस बढ़ जाती है।
सांस लेने में दिक्कत: किडनी खराब होने पर दो तरह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। पहला कि जब फेफडों में फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से गहरी सांस लेने में तकलीफ होती है। वहीं जब किडनी में बनने वाले हार्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है तो रेड ब्लड सेल्स काउंट लो होता है और बॉडी को आक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है।
भूख ना लगना, उल्टी, मितली: ब्लड में जब टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं और किडनी उसे ठीक तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती है तो डाइजेस्टिव ट्रैक को डिस्टर्ब कर देते हैं। जिसकी वजह से भूख ना लगना, उल्टी होना और मितली की समस्या होती है। यूरेमिया की वजह से बैड ब्रीद और मुंह में मैटेलिक टेस्ट सा आता है।
आंखों के नीचे सूजन: आंखों के नीचे सूजन नींद ना पूरी होने का इशारा है प्रोटीन को ब्लड में ना पहुंचाकर जब वो यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाता है। तो मसल्स और टिश्यू कमजोर होने लगते हैं। आंखों में सूजन इसलिए किडनी डिसीज की ओर इशारा करती है।
मसल्स क्रैम्प और ऐंठन: किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करती है। कैल्शियम, पोटैशियम और सोडियम का लेवल बैलेंस रखती है। जब ये मिनरल्स अनबैलेंस हो जाते हैं तो बॉडी में ऐंठन, दर्द महसूस होता है। यहीं नहीं हार्टबीट तेज होना जैसी समस्या हो जाती है।